पिहोवा संपूर्ण जानकारी || Pehowa Complete Jankari
पिहोवा उत्तर भारत के हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र ज़िले का एक प्रसिद्ध प्राचीन शहर है। इस शहर को तहसील का दर्ज़ा प्राप्त है। यह एक उप नगरीय शहर है जिसमे सभी तरह के व्यापारिक केंद्र मौजूद है। पेहोवा का महत्त्व पवित्र सरस्वती नदी के कारण भी बहुत अधिक बढ़ जाता है। कुरुक्षेत्र जिला में यह कुरुक्षेत्र के बाद सबसे बड़ा टाउन है। पिहोवा तहसील की सीमाएं पंजाब राज्य से मिलती हैं इसलिए पिहोवा में पंजाबी संस्कृति का बोलबाला है। यह शहर एक समृद्ध आर्थिक और सांस्कृतिक दारोहर को संजोये हुए है। कृषि क्षेत्र में यहाँ पर बहुत प्राचीन उपलब्धिया मौजूद हैं।
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पिहोवा का इतिहासिक महत्व। Historical Values of Pehowa
पिहोवा एक प्राचीन शहर जिसका प्राचीन नाम पृथुदक तीर्थ था, हिन्दू धर्म पुराणों के अनुसार पिहोवा नगर की स्थापना देवताओ के द्वारा की गयी थी इसका उल्लेख बहुत से पुराणों में मिलता है जैसे स्कंद पुराण (पहली से पांचवीं शताब्दी ईस्वी सन्), मार्कंडेय पुराण (चौथी से छठी शताब्दी ई.पू.) और वामन पुराण (5 वीं से 11 वीं शताब्दी ई.पू.) इन सभी पुराणों में पिहोवा के धार्मिक महत्व का जिक्र आता है।
नौवीं शताब्दी के दो शिलालेखों में जो पिहोवा में ही पाए गए थे उल्लेख है कि इस स्थान को कन्नौज के राजा महेंद्रपाल द्वारा नियंत्रित किया गया था जिसका साक्षी तोमर परिवार द्वारा निर्माण किया गया विष्णु मंदिर है। तोमर राजवंश का सबसे पहला प्राचीन ऐतिहासिक संदर्भ प्रतिहार राजा महेंद्रपाल के शासनकाल के दौरान जारी किए गए पिहोवा शिलालेख में होता है
कुछ इस तरह के विवरण भी पेहोवा के बारे में काफी प्रचलित हैं कि वामन पुराण के अनुसार गंगा के तट पर रहने वाले रुषंगु नामक ऋषि ने अपना अन्त समय जानकर मुक्ति की इच्छा से गंगा को छोड़कर पृथुदक (पेहोवा) में जाने के लिए अपने पुत्रों से आग्रह किया था। क्योंकि उसका कल्याण गंगा द्वार पर संभव नहीं था। पद्मपुराण के अनुसार जो व्यक्ति सरस्वती के उत्तरी तट पर पृथुदक (पेहोवा) में जप करता हुआ अपने प्राणों का त्याग करता है, वह मनुष्य नि:संदेह अमरता को प्राप्त करता है।
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कुछ काललेख इस प्रकार भी विवरण कि पेहवा मे गु्र्जर प्रतिहार वंश के महान शासक मिहिर भोज का अश्व केंद्र था,यंहा घोडो का व्यापार होता था उन्हे भोज देव भी कहा गया है पेहवा से गुर्जर प्रतिहार शासक मिहिर भोज का एक अभिलेख भी प्राप्त हुआ है। इसलिए अभी भी पिहोवा के चारो तरफ गुर्जर समाज के काफी गांव मौजूद हैं जिनमे मुख्यता भटेड़ी, थाना , रूआ , अरनेचा , ककराला , सुरमी प्रमुख हैं।
पृथुदक तीर्थ का महत्व। Prithudak Tirtha Importance in Hindu Religion
पिहोवा एक बहुत ही प्राचीन शहर है जिसे महाभारत युद्ध से भी कई शताब्दियों पुराना शहर माना जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार महाभारत के युद्ध के पश्चात् पिहोवा में बहने वाली पवित्र सरस्वती नदी सूख गयी थी।
महाभारत युद्ध के कारण नदी लंबे समय तक सूखी रही , फिर भी पिहोवा अपने प्राचीन महत्व के कारण एक बहुत पवित्र स्थान बना रहा। यहाँ पर देवताओं द्वारा अपने पूर्वजों को "पिंड दान " की पेशकश की थी। उसके पश्चात यह परम्परा आज भी वैसे ही चल रही है लाखो लोग अपने परिजनों के आतम की शांति के लिए पेहोवा में पिंड दान करने के लिए आते हैं।
महाभारत युद्ध के कारण नदी लंबे समय तक सूखी रही , फिर भी पिहोवा अपने प्राचीन महत्व के कारण एक बहुत पवित्र स्थान बना रहा। यहाँ पर देवताओं द्वारा अपने पूर्वजों को "पिंड दान " की पेशकश की थी। उसके पश्चात यह परम्परा आज भी वैसे ही चल रही है लाखो लोग अपने परिजनों के आतम की शांति के लिए पेहोवा में पिंड दान करने के लिए आते हैं।
यह शहर अभी भी "पितृदक तीर्थ" के रूप में विख्यात है और यह प्रयागराज और गया (बिहार) से बहुत पहले से पिंड दान करवाने के लिए प्रशिद्ध है। महाभारत ग्रन्थ के अनुसार युद्ध शुरू होने से पहले भगवान कृष्ण पांडवों को इस स्थान पर लेकर गए थे और उन्हें सरस्वती माता और उनके पूर्वजों का आशीर्वाद लेने को कहा।
हालाँकि वर्तमान समय में सरस्वती नदी में कोई पानी का प्रवाह नहीं है सरस्वती नदी में पानी नहर या नलकूपों द्वारा भरा जाता है। सरस्वती मंदिर के प्रवेश द्वार पर कई शताब्दियों पुराने स्तंभ हैं। सरस्वती सरोवर इसी शहर में स्थित है, जहाँ लोग पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
Pehowa Pind Daan | पिहोवा पिंड दान का महत्व :
पेहोवा सरस्वती नदी के उत्तरी तट पर करवाए गए पिंड दान (Pind Daan) का बहुत अधिक महत्व है। देश के कोने कोने से लोग अपने मृत प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए पिहोवा में पिंड दान (Pind Daan) करने आते हैं। मुख्यता हरियाणा तथा पंजाब के लोग यह किर्या करने ज्यादा संख्या में आते हैं।
चैत्र और असाढ़ में अमावस्या के दिन यहाँ पर लाखो की संख्या दूसरे राज्यों तथा हरियाणा भर से आते हैं। जो सरस्वती स्नान के साथ साथ अपने पूर्वजों का पिंड दान (Pind Daan) की रस्म भी करते हैं।
चैत्र और असाढ़ में अमावस्या के दिन यहाँ पर लाखो की संख्या दूसरे राज्यों तथा हरियाणा भर से आते हैं। जो सरस्वती स्नान के साथ साथ अपने पूर्वजों का पिंड दान (Pind Daan) की रस्म भी करते हैं।
When to visit Pehowa after Death|| पिंड दान के लिए पिहोवा कब जाएं
यूँ तो समस्त अमावस्या के दिन श्रद्धालु देश के कोने कोने से पिहोवा में सरस्वती स्नान के लिए आते हैं। किन्तु पिंड दान के उदेश्य से मृत प्राणी के परिवार के सदस्य कब आये यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है। जब भी किसी की मृत्यु हो तो उसकी रसम किर्या की जाती है जो अक्सर 13 दिन के बाद सम्पन होती है इसके पश्चात जब भी पहली अमावस्या पड़ती है उस दिन परिवारजन मुख्यता बेटा पिहोवा सरस्वती के किनारे आकर अपने प्रियजन का पिंड दान करके उनकी आत्मा को शांति प्रदान कर सकता है।
जो ब्राह्मणों को दान -दक्षिणा देकर तथा प्राचीन वृक्ष की जड़ में 11 बाल्टी जल डालकर रसम पूरी कर सकते हैं। उसके पश्चात प्रसिद्ध तथा प्राचीन कार्तिकेय मंदिर, पिहोवा में सरसो का तेल अर्पण करके पिंड दान की प्रकिर्या को पूर्ण किया जाता है।
जो ब्राह्मणों को दान -दक्षिणा देकर तथा प्राचीन वृक्ष की जड़ में 11 बाल्टी जल डालकर रसम पूरी कर सकते हैं। उसके पश्चात प्रसिद्ध तथा प्राचीन कार्तिकेय मंदिर, पिहोवा में सरसो का तेल अर्पण करके पिंड दान की प्रकिर्या को पूर्ण किया जाता है।
Pind daan procedure at Pehowa|| पिंड दान का तरीका
पिंड दान की विधि : सरस्वती नदी के किनारे बहुत से पुरोहित ब्राह्मण पिंड दान करवाने के लिए बैठे हुए दिखाई दे जायेंगे , किसी से भी बात करके आप अपने पितृ या किसी अन्य मृत प्रियजन का करवा सकते हैं।
सबसे पहले आपको ब्राह्मण को अपने पितरों की संख्या बतानी होगी उसके अनुसार पुरोहित आटा के पिंड बनाएगा , फिर सबको जल देकर स्नान कराया जायेगा, फिर उन सब को वस्त्र पहनाया जायेगा तथा काला तिल
तथा चावल से उनको भोग लगाकर उनकी विधिवत पूजा की जाती है , उसके पश्चात अपने पितरों का ध्यान करके उनको जल तर्पण किया जाता है। उसके पश्चात सरस्वती नदी से पानी की बाल्टी भरकर प्राचीन वृक्ष की जड़ों में डालनी होती है , जितने पितरों की संख्या उतनी ही बाल्टी प्राचीन वृक्ष की जड़ में डालने की प्रथा है।
सबसे पहले आपको ब्राह्मण को अपने पितरों की संख्या बतानी होगी उसके अनुसार पुरोहित आटा के पिंड बनाएगा , फिर सबको जल देकर स्नान कराया जायेगा, फिर उन सब को वस्त्र पहनाया जायेगा तथा काला तिल
तथा चावल से उनको भोग लगाकर उनकी विधिवत पूजा की जाती है , उसके पश्चात अपने पितरों का ध्यान करके उनको जल तर्पण किया जाता है। उसके पश्चात सरस्वती नदी से पानी की बाल्टी भरकर प्राचीन वृक्ष की जड़ों में डालनी होती है , जितने पितरों की संख्या उतनी ही बाल्टी प्राचीन वृक्ष की जड़ में डालने की प्रथा है।
PEHOWA TEMPLES|| पिहोवा में प्रसिद्ध मंदिर
Kartikey Temple|| कार्तिकेय मंदिर:
कार्तिकेय मंदिर सरस्वती के किनारे, यह पेहोवा का सबसे पुराण मंदिर है माना जाता है की इसका निर्माण कई सो साल पहले तोमर वंश के राजा के द्वारा करवाया गया था, इस मंदिर में महिलाओ का प्रवेश वर्जित है , इस मंदिर में केवल सरसो का तेल चढ़ाया जाता है. पिंड दान करवाने वाले श्रद्धालु यहाँ आना नहीं भूलते।
श्री संगमेश्वर धाम अरुणाय, पिहोवा में अनगिनत सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्म चलते रहते हैं , यहाँ गायों के लिए चारे का इंतज़ाम तथा गौशाला का भी प्रबंध किया गया है। मंदिर द्वारा जंगल में रहने वाले प्राणी जैसे बंदर उनके लिए खाने का भी प्रबंध किया जाता है समय समय पर जंगल में बंदरो को फ्रूट व अन्य खाने की वस्तुए भेजी जाती हैं।
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Shri Sangameshwar Dham Arunay|| श्री संगमेश्वर धाम अरुणाय :
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पिहोवा शहर से करीब ३ किलोमीटर अम्बाला रोड पर स्तिथ श्री संगमेश्वर धाम अरुणाय श्रद्धा का केंद्र है , जहां पर साल भर लाखों लोग श्री संगमेश्वर धाम के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह भगवान शिव का एक प्राचीन तथा विश्व विख्यात मंदिर है , इसमें देश ही नहीं अपितु विदेशों ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोप में बसने वाले हिन्दू लोग आना अपना सौभाग्य समझते हैं।
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श्री दक्षिणा कालीपीठ मंदिर पिहोवा :
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पिहोवा के प्रशिद्ध मंदिरों में श्री दक्षिणा माँ काली मंदिर का विशेष महत्त्व है यह मंदिर पिहोवा पुराणी अनाज मंडी के उत्तर तथा ड्रेन के दक्षिण में स्तिथ है, यह मंदिर तीन अलग अलग फ्लोर पर बना हुआ है जिसमे सबसे निचले तल पर माँ काली का भव्य मंदिर है, बिच वाले ताल पर माँ दुर्गा का मंदिर सबसे ऊपरी तल पर माँ सरस्वती का भव्य मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना श्री महंत बंसी पुरी जी महाराज ने की थी। यह मंदिर भक्ति और काली माँ की शक्ति का प्रमुख केंद्र है, यहाँ पर दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए माँ काली, दुर्गा और माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेने आते हैं।
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PEHOWA PINCODE
Post Office: PEHOWAPost Office Type: SUB OFFICE
District: KURUKSHETRA
State: HARYANA
Pin Code: 136128
BANKS IN PEHOWA || पिहोवा में प्रमुख बैंक
पेहोवा में लगभग हर बड़ा बैंक की ब्रांच मौजूद है जिनमे प्रमुख हैं, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया , पंजाब नेशनल बैंक , कारपोरेशन बैंक , HDFC बैंक , तथा आईसीआईसीआई बैंक सहित सभी बैंक की ब्रांच यहाँ पर खुली हुई हैं।पिहोवा स्तिथ हर Bank की IFSC Code, MICR, तथा Branch Address इस प्रकार हैं :-
IndusInd Bank
Address: Hissar Road, Near Bus Stand, Pehowa, Kurukshetra, Haryana 136128
IFSC code:INDB0000250
MICR code: 132234502
Address: Ward No 11, Ground Floor Kaithal Rd, No 1, Nand Colony, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: YESB0000829
MICR Code: 132532252
Address: Kaithal Road, No. - 403-405, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: ICIC0000730
Address: Guru Nanak Colony, Model Town, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code:UCBA0003005
Address: 29/13, National Highway 65, Model Town, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: BARB0PEHOWA
Address: Model Town, Kurukshetra, NH-65, Kaithal Ambala Road, Pehowa, Pehowa, Haryana 136128
FSC Code: ALLA0213088
Address: Kaithal Road, Near Main Chowk, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: CNRB0003528,
MICR Code:132015252
Address: Ground Floor Karan Market, Murtzapur, Pehowa, Haryana 136128HDFC Bank
IFSC Code is HDFC0000797
MICR Code: 136240128
Punjab National Bank
Address: Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: PUNB0081700
MICR Code: 132024252
STATE BANK OF INDIA || स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
Address: Shastri Colony, Pehowa, Haryana 136128
Central Bank Of India
Shastri Colony, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: CBIN0280390
Axis Bank
Ground Floor, Shastri Colony, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code is UTIB0003288
MICR Code: 132211254
CORPORATION BANK BRANCH
Address: Kaithal - Ambala Rd, Nand Colony 2, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: CORP0001773
MICR Code: 132017252
Oriental Bank Corporation
Address: Model Town, Pehowa, Haryana 136128
IFSC Code: ORBC0100602
MICR Code: 132022252
VILLAGES IN PEHOWA TEHSIL|| पेहोवा तहसील में गांव की सूची :
- अधोया
- अजरावर
- अजमतपुर
- बबकपुर
- बचकी
- बाखली
- बलोचपुरा
- बसंतपुर
- भटेड़ी
- भैंसीमाजरा
- भेरियां
- भोर सैंदा
- भौरख
- भूस्तला
- बीबीपुर कलां
- बोधा
- बोधनी
- चामुन
- चनाल हेड़ी
- छज्जूपुर
- छावलां
- धनी रामपुरा
- धूलगढ़
- दिवाना
- दुनिया माजरा
- फतेहगढ़ माजरा चमु
- गंगहेड़ी
- गढ़ी लांगरी
- गढ़ी रोड़ान
- ग्लेडवा
- गोरखा
- गुलडेहरा
- गुमथला गडु
- हेलवा
- इस्हाक़
- इस्माइलपुर
- खवाला
- जल बेहड़ा
- झांसा
- झिंवरहेड़ी
- जोरासी कलां
- जोरासी खुर्द
- ककराला गुजरान
- कलसा
- कमोदा
- कंथला
- कराह
- खंजरपुर
- खानपुर रोड़ान
- खेड़ी सहीदां
- खेड़ी शीशगरां
- खिज़र पुरा
- कुम्हार माजरा
- लोहार माजरा
- लोटनी
- मदहरन
- माजरी कलां
- माजरी खुर्द
- मलिकपुर
- मांडी
- मांगना
- मेघा माजरा
- मोहनपुर
- मोरथली
- मुकीमपुर
- मुर्तजापुर
- नैसी
- निकतपुरा उर्फ़ गढ़ी सिंहगां
- निंबवाला
- नूरपुर बुचि
- पीपली माजरा
- रामगढ रोड़
- रतनगढ़ उर्फ़ ककराल
- रोहटी
- रुआ
- सैदपुर सहीदां
- संधोला
- संधोली
- सैंसा
- सारसा
- सरुस्ती खेड़ा
- सतौरा
- स्योंसर
- शाहपुर
- शांति नगर उर्फ़ कुरड़ी
- शेखपुर माजरा चम्मु
- शेरगढ़
- श्री नगर
- सिआना सैदां
- सिंह पूरा
- सुरमी
- टबरा
- टकोरन
- तलहेड़ी
- तंगोली
- टयूकर
- थाना
- थंडरान
- ठसका मिरंजी
- थेमलबोड़ा
- ठोल
- टिकरी
- अरणाय
- उरनैचा
- उस्मानपुर
- जुलमत
Colleges in Pehowa|| मुख्य कॉलेज पिहोवा
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DAV-College-pehowa |
पिहोवा में सबसे प्राचीन तथा प्रसिद्ध DAV College है , जो दयानद आर्य वैदिक संस्था द्वारा चलाया जाता है , यह एक CO -Educational college है। यह College Kurukshetra University से संबद्ध है। यह एक Post-Graduate College है , इस इलाके में यह काफी प्रसिद्ध कॉलेज है।
IsharJyot Degree College for Women :
IsharJyot Degree College for Women :
IJDCW College अरुणाय रोड पर स्तिथ है।यह कॉलेज पेहोवा से लगभग 2.5 किलोमीटर दूरी पर है, यह धार्मिक संस्था द्वारा चलाया जाता है
Shri Satya Sai College Of Education Usmanpur, Pehowa
यह एक JBT और BEd कॉलेज है यह एक प्राइवेट कॉलेज है जो कैथल रोड पर उस्मानपुर गांव के पास है।
यहाँ पर अच्छी क्वालिटी education प्रदान की जाती है , बहुत से विद्यार्थी Teacher का course करने इस कॉलेज में admission लेते हैं।
Govt College Bherian, Pehowa: कुछ ही दिन पहले पिहोवा के बेरिआँ गाओं में एक Govt. College का उद्घाटन हुआ है जिसका address Bherian, Haryana 136030 है , जो शहर का पहला Govt. College होगा, यह एक CO-Educational college है जिसमे छात्र-छात्राएं एक साथ अध्यन कर सकेंगे।
Schools in Pehowa || पिहोवा में मुख्य स्कूल
पेहोवा में कई famous स्कूल मौजूद हैं, जिनमे मुख्य है Tagore Public School Pehowa, Swarannath Sr. Sec School Pehowa, Govt Girls Sr. Sec. School Pehowa, Geeta Model School, Pehowa, D A V CENTENARY PUBLIC SCHOOL, C D PUBLIC SCHOOL PEHOWA, Tagore Bal Niketan School, Bhagawan Parshuram Senior Secondary School, इनके अलावा और भी छोटे मोटे स्कूल मौजूद हैं लेकिन प्रमुख स्कूल यही स्कूल हैं.