Brahma sarovar best tourist place in kurukshetra

Darshan Singh



Images of brahma sarovar kurukshetra

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ब्रह्म सरोवर भारत के  हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र (थानेसर) में  स्तिथ एक विशाल जल स्त्रोत है ब्रह्म सरोवर हिन्दू धर्म की शुरुवाती दिनों की उत्पत्ति का स्तम्भ है, जिस  प्रकार हिंदू धर्म आंतरिक और बाह्य शुद्धता के लिए स्नान करने पर जोर देता है ब्रह्म सरोवर इसी उदेश्य की पूर्ति करता है।  अधिकतर हिंदू मंदिर और सिख गुरुद्वारे धार्मिक स्थलों के पास पानी के कुंड या सरोवर  मौजूद होते  हैं। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हिंदू वंशावली अभिलेख  यहाँ रखे गए हैं जिनमे ब्रह्म सरोवर के विषय में विस्तार से लिखा गया है। 

The  holy lake that brahma conceived the earth at this place is Brahma Sarover ब्रह्म सरोवर।  

ब्रह्मसरोवर का इतिहास :


शास्त्रों की कहानियों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने एक विशाल यज्ञ के बाद कुरुक्षेत्र की भूमि से ब्रह्मांड का निर्माण किया। यही  ब्रह्म सरोवर पूरी सभ्यता का पालना माना जाता है। सरोवर का उल्लेख ग्यारहवीं शताब्दी के अल बेरूनी के संस्मरणों में भी मिलता है जिसे 'किताब-उल-हिंद' कहा जाता है। 

सरोवर का उल्लेख महाभारत ग्रन्थ में भी है कि युद्ध के समापन के दिन दुर्योधन ने खुद को पानी के नीचे छिपाने के लिए इसका इस्तेमाल किया था। यह वही सरोवर जिसमे दुर्योधन ने विश्राम किया था।  जिसके पश्चात दुर्योधन ने  अपने जीवन का अंतिम और निर्णायक युद्ध था और उसी युद्ध में वे महाबली भीम से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त थे। 
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Who made Brahma Sarovar? || ब्रह्म सरोवर  निर्माण किसने करवाया ?

आधुनिक भारत में ब्रह्म सरोवर का जिणरोधार भारत के प्रधान मंत्री गुलजारी लाल नंदा ने करवाया था, इससे पहले यह सरोवर कच्चा तालाब भर था जिसमे श्रधालुओ को स्नान करते समय  मिटटी लगने का  डर रहता था 
भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र मंदिर सरोवर के बीचो बीच  स्तिथ है  जिसका रास्ता  छोटे पुल से सुलभ है। शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म सरोवर में स्नान करने से 'अश्वमेध यज्ञ' करने के बराबर  पुण्य मिलता है ।

 ब्रह्म सरोवर के तट पर  प्रत्येक वर्ष नवंबर के अंतिम सप्ताह और दिसंबर की शुरुआत में गीता जयंती समारोह  मनाया जाता है।   गीता जयंती समारोह के दौरान एक भव्य  दृश्य दिखाई देता है जब पानी में तैरते हुए दीपों का एक 'गहरा दान' समारोह होता है और एक आरती का भी आयोजन किया जाता है जिसमे मुख्यातिथि हरयाणा के मुख्यमंत्री होते हैं. 
ब्रह्म सरोवर के उत्तर पूर्वी तट पर बहुत प्राचीन वृक्ष खड़े हैं जिन पर दुनिया भर के प्रवासी पक्षी हर वर्ष आते हैं, इन प्रवाशी पक्षियों के देखने के लिए दूर दूर से सैलानी आते हैं। ये वृक्ष अर्जुन चौक के पास हैं।  
बिड़ला गीता मंदिर और बाबा नाथ की हवेली और मंदिर पड़ोसी के आकर्षण हैं।
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Sannihit Sarovar || सन्नहित सरोवर 


ब्रह्म सरोवर के उत्तर पूर्वी तट से महज 100  मीटर के दूरी  पर सन्नहित सरोवर है, जो हिन्दू धर्म के अनुसार बहुत अधिक महत्व रखता है।  

Kurukshetra to Jyotisar distance ||  कुरुक्षेत्र से ज्योतिसर की दुरी तथा साधन 


 कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर से ज्योतिसर की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है , कुरुक्षेत्र से  7  किलोमीटर पश्चिम में  पिहोवा रोड पर स्तिथ है।  ज्योतिसर पहुँचने  के लिए हरयाणा रोडवेज की बसें , ऑटो , टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है , जिसके लिए सैलानियों को इंतज़ार नहीं करना पड़ता।  कुरुक्षेत्र से ज्योतिसर जाना बहुत ही सुगम है।  

ब्रह्म सरोवर के  उत्तरी तट पर बहुत  धर्मशालाएं हैं जिनमे गुर्जर धर्मशाला,  जाट धर्मशाला, राजपूत धर्मशाला,  सैनी धर्मशाला प्रमुख हैं।  गुर्जर धर्मशाला तथा जाट धर्मशाला में हर तीर्थ यात्री को मुफ्त भोजन तथा जलपान की व्यवस्था की हुयी है जहां पर प्रतिदिन हजारों तीर्थ यात्री तथा साधु भोजन ग्रहण करते हैं। 
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ब्रह्म सरोवर तक कैसे पहुंचे ?

कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर तक पहुंचना बहुत ही सुगम है।  यह कुरुक्षेत्र बस स्टैंड से करीब 4 किलोमीटर दूर है जहाँ तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा , रोडवे ज की बस या टैक्सी से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।  कुरुक्षेत्र मुख्य रेलवे स्टेशन से यह 3 किलोमीटर दूर है।  वहां पर टैक्सी और ऑटोरिक्शा बड़े आराम से मिल जाते है।