CDSCO के Revised GMP का फॉर्मेट | Schedule M 2023 के लागू करने के बारे

Darshan Singh
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CDSCO और भारतीय ड्रग मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (IDMA ) ने 30 सितम्बर 2023 को मुंबई एक वर्कशॉप का आयोजन किया जिसमे 300 से ज्यादा लोगो ने भाग लिया और इस वर्कशॉप को 6000 लोगो ने ऑनलाइन देखा। इस वर्कशॉप का मुख्य उदेश्य CDSCO के बहु प्रतीक्षित SChedule M के प्रावधानों के बारे में अवगत करवाना था।  

CDSCO चाहता है कि भारत में बनने वाली दवाओं की गुणवत्ता सुधरे इसके लिए देश भर में विभिन्न वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है।  

जिस रिवाइज्ड Schedule M का मसौदा 5 अक्टूबर 2018 में प्रस्तुत किया गया था उसमे कुछ मूलभूत बदलाव करने की बात की जा रही है।  नए Schedule M के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन इस प्रकार हैं।:-

  • Ensure the Maintenance process
  • Improve the atmoshpere of Manufacturing
  • Control and safety testing
  • Storage and Transport of materials
  • Change in written procedure and records
  • Improvement in the traceability of incidents and processes.

नए Schedule M के लागु होते ही रिवाइज्ड GMP को जरुरी कर  जायेगा।  जो नया GMP का प्रारूप होगा वह कमोबेश आज के WHO-GMP के स्टैण्डर्ड का होगा।  

भारत सरकार चाहती है कि 250 करोड़ के टर्नओवर से ज्यादा बड़ी कम्पनीज इस नियम को अगले 6 महीने में अडॉप्ट या लागु कर ले , तथा 250 करोड़ से कम टर्नओवर की सभी MSME इस नियम को एक साल के भीतर लागु कर सके।  

नए Schedule M 2018 के ड्राफ्ट के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

रिवाइज्ड Schedule M के अनुसार काफी बदलाव मौजूदा Schedule M में आ जायेंगे जो इस प्रकार होंगे :
  • Schedule-M के भाग संख्या का प्रारूप बदल दिया गया है 
  • अब रिवाइज्ड Schedule-M में प्रिंसिपल्स को जोड़ दिया  गया है: Pharmaceutical Quality System (PQS), Quality Risk Management, Product quality review. 
  • पहले Schedule-M में पार्ट 1 की शुरुवात मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के बिल्डिंग और प्रेमिसेस से होती थी जिसको अब अलग अलग प्रकार के लिए स्पेसिफिक दर्शया गया है , पार्ट 1 में कुछ क्वालिटी प्रिंसिपल्स को सम्मिलित किया गया है जो प्रमुखता से पालन करना होगा।  
  • रिवाइज्ड Schedule-M का दायरा मौजूदा WHO- GMP के स्तर का होगा। 
  • क्वालिटी का लेवल बढ़ने के लिए अब पैकिंग मटेरियल और अन्य सभी वेंडर्स के लिए विशेष गाइडलाइन्स जोड़ी गयी हैं। 

PQS के मुख्यांश | Features Of Pharmaceutical Quality System (PQS):  

  • यह कि निर्माता को अपने फार्मा प्रोडक्ट्स की क्वालिटी की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी, उनको यह सुनिश्चित करना होगा कि  उनके द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट उस कसौटी पर खरे उतरेंगे जिस बीमारी के  लिए उनको बनाया गया है. 
  • शीर्ष नेतृत्व को क्वालिटी सिस्टम की फंक्शनलिटी को स्थापित करने की गांरटी देनी होगी, सभी स्टाफ की फ़र्ज़ , रोल, और ताकते निर्धारित करनी होगी 
  • गुणवत्ता प्रबंधन एक जटिल कार्य है इसमें सबकी भागीदारी जरुरी है। हर व्यक्ति का अपने रोल को सही तरीके से निर्वहन  करने से ही प्रोडक्ट क्वालिटी संभव हो  सकती है। प्रोडक्ट क्वालिटी में GMP और अन्य फैक्टर जिसमे प्रोडक्ट डिज़ाइन और प्रोडक्ट डेवलपमेंट भी प्रमुख बिंदु हैं। 
  • GMP का प्रभाव फार्मा प्रोडक्ट के पुरे जीवन चक्र पर दिखना चाहिए जिसमें F&D मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, व्यावसायिक निर्माण तथा प्रोडक्ट के बंद करना तक शामिल हो।  


ओरिजिनल आर्डर की कॉपी यहाँ पढ़े: READ 

सन्दर्भ:

  • Central Drug Standard Control Organization (CDSCO)



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